किसी भी गीत को तैयार करने में शब्दों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होती है। और गीतों को ऐसे बोल देने वाले एक प्रतिभाशाली गीतकार, जिनके पास उत्तम गीतों का भण्डार है, वो कोई और नहीं अपितु जेएनयू के अपने ही प्रिय गीतकार डॉ. सागर हैं जिनमें साहिर लुधियानवी और शैलेंद्र का रंग दिखाई देता है।
अपनी लेखनी के लिए प्रसिद्ध डॉ. सागर को पूरी तरह पता है कि कैसे अपने भाव और ह्रदय की बात को शब्दों में उतारें। वो उभरते हुए प्रत्येक गीतकारों के लिए एक प्रेरणा हैं।
डॉ. सागर ने जेएनयू से अपनी पीएच. डी. किया है। वह अपने बचपन के दिन उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के एक गांव ककरी में बिताए हैं। जीवन के प्रारम्भिक समय में उन्हें कठिन संघर्ष करने पड़े थे। उनका बचपन निर्धनता और कठिनाईयों में बीता। सागर जब बॉलीवुड में आए तो सबसे पहले एक उभरते हुए संगीतकार विपिन पटवा के साथ काम करना शुरू किया।
वर्ष 2017 में डॉ. सागर का नाम बीबीसी और द लल्लन टॉप के टॉप टेन गीतकारों की सूची में सम्मिलित किया गया था। यह सफलता इनको मिली थी 'तितली' नाम के गीत से जिसे स्वर दिया था पपोन ने। उसके बाद इनके गीत 'बंबई में का बा' ने तो तहलका ही मचा दिया। उस गाने के बोल इतने लोकप्रिय हुए की लोगों ने इसकी तर्ज़ पर 'बिहार में का बा', 'यूपी में का बा' जैसी पैरोडी तैयार कर डाले। वो एक रैप गाना था और लोगों ने इसके लिए डॉ. सागर पर जो प्यार बरसाया उससे उनके नाम में चार चांद लग गया और फिल्मी दुनिया में उनकी बहुत बड़ी पहचान बनी। 'बंबई में का बा' में प्रसिद्ध कलाकार मनोज बाजपेई ने अभिनय किया है और बॉलीवुड के लोकप्रिय निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इस गीत का निर्देशन किया है। इस रैप को यूट्यूब पर विगत एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक दर्शकों ने देखा है। उनका एक और गाना लोकप्रिय हुआ है 'सहमी है धड़कन' जिसे आतिफ़ असलम ने गाया था । इस गाने को सुधीर मिश्रा के निर्देशन में बनी फिल्म 'दासदेव' में फिल्माया गया है।
डॉ. सागर ने "बॉलीवुड डायरीज़", "अनारकली ऑफ आरा", "मैं और चार्ल्स", "सेटर्स", आदि कई फिल्मों में बड़े ही मधुर गीत लिखे हैं। उन्होंने सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा, सुभाष कपूर, नीरज पांडे, इलैयाराजा, सलीम-सुलेमान, अनुराग सैकिया, विपिन पटवा, रोहित शर्मा, बृजेश पंडित, अरिजीत सिंह, जुबिन नौटियाल, राहत फ़तेह अली ख़ान, कैलाश खेर, आतिफ़ असलम, जावेद अली, श्रेया घोषाल और सुनिधि चौहान जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के साथ काम किया है।
अपनी लेखनी के लिए प्रसिद्ध डॉ. सागर को पूरी तरह पता है कि कैसे अपने भाव और ह्रदय की बात को शब्दों में उतारें। वो उभरते हुए प्रत्येक गीतकारों के लिए एक प्रेरणा हैं।
डॉ. सागर ने जेएनयू से अपनी पीएच. डी. किया है। वह अपने बचपन के दिन उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के एक गांव ककरी में बिताए हैं। जीवन के प्रारम्भिक समय में उन्हें कठिन संघर्ष करने पड़े थे। उनका बचपन निर्धनता और कठिनाईयों में बीता। सागर जब बॉलीवुड में आए तो सबसे पहले एक उभरते हुए संगीतकार विपिन पटवा के साथ काम करना शुरू किया।
वर्ष 2017 में डॉ. सागर का नाम बीबीसी और द लल्लन टॉप के टॉप टेन गीतकारों की सूची में सम्मिलित किया गया था। यह सफलता इनको मिली थी 'तितली' नाम के गीत से जिसे स्वर दिया था पपोन ने। उसके बाद इनके गीत 'बंबई में का बा' ने तो तहलका ही मचा दिया। उस गाने के बोल इतने लोकप्रिय हुए की लोगों ने इसकी तर्ज़ पर 'बिहार में का बा', 'यूपी में का बा' जैसी पैरोडी तैयार कर डाले। वो एक रैप गाना था और लोगों ने इसके लिए डॉ. सागर पर जो प्यार बरसाया उससे उनके नाम में चार चांद लग गया और फिल्मी दुनिया में उनकी बहुत बड़ी पहचान बनी। 'बंबई में का बा' में प्रसिद्ध कलाकार मनोज बाजपेई ने अभिनय किया है और बॉलीवुड के लोकप्रिय निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इस गीत का निर्देशन किया है। इस रैप को यूट्यूब पर विगत एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक दर्शकों ने देखा है। उनका एक और गाना लोकप्रिय हुआ है 'सहमी है धड़कन' जिसे आतिफ़ असलम ने गाया था । इस गाने को सुधीर मिश्रा के निर्देशन में बनी फिल्म 'दासदेव' में फिल्माया गया है।
डॉ. सागर ने "बॉलीवुड डायरीज़", "अनारकली ऑफ आरा", "मैं और चार्ल्स", "सेटर्स", आदि कई फिल्मों में बड़े ही मधुर गीत लिखे हैं। उन्होंने सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा, सुभाष कपूर, नीरज पांडे, इलैयाराजा, सलीम-सुलेमान, अनुराग सैकिया, विपिन पटवा, रोहित शर्मा, बृजेश पंडित, अरिजीत सिंह, जुबिन नौटियाल, राहत फ़तेह अली ख़ान, कैलाश खेर, आतिफ़ असलम, जावेद अली, श्रेया घोषाल और सुनिधि चौहान जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के साथ काम किया है।
Post a Comment