देश के महान स्वतंत्रता सेनानी भागवत राय विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होनें युवावस्था में ही कई रिकॉर्ड बना कर अपनी हैरतअंगेज और चमत्कारिक ताकत का परिचय दिया।भागवत राय जी ने आज़ादी से पहले देश में सर्कस कम्पनी खोलकर अंग्रेज़ों से लोहा लिया था। अब मनोज कुमार राय ने अपने दादा भागवत राय पर एक पुस्तक "पहलवान साहेब" लिखी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने निवास पर इस पुस्तक "पहलवान साहेब" का विमोचन किया। यह पुस्तक क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) मनोज कुमार राय द्वारा लिखी गई है। अमिताभ बच्चन और शिल्पा शेट्टी के सन्देश भी पुस्तक में प्रकाशित किए गए हैं।मनोज कुमार राय की यह पहली किताब है जिसमे 15 अध्याय हैं। इस पुस्तक में भागवत राय की विलक्षण प्रतिभा से पाठकों को अवगत कराया गया है। प्रभाकर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह किताब अमेज़ॉन सहित कई ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है। गौरतलब है कि भागवत राय देश की महान विभूतियों में से एक रहे हैं। वह स्वतंत्रता पूर्व भारत के सबसे ताकतवर व्यक्ति थे। 1925 में उन्होंने अपनी सर्कस कम्पनी शुरू की थी। तेज भागती गाड़ी रोकना और हाथी को अपने सीने पर खड़े करना जैसे कई आश्चर्यजनक कारनामे उन्होंने किए।
मनोज कुमार राय ने यह किताब विराट कोहली, एक्टर रणबीर कपूर, लेखक चेतन भगत, गायक कैलाश खेर सहित कई फिल्मी सितारों और खिलाड़ियों को भेंट की, और सभी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पुस्तक को लिखने के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। अमिताभ बच्चन का कहना है कि भागवत राय एक पहलवान होने के नाते न सिर्फ शरीर के बल बल्कि मानसिक दृढ़ता के भी प्रतीक थे। उन्होंने अपनी अलग सोच, लग्न और त्याग की भावना से देश को आज़ाद देश बनाने में अहम योगदान दिया। वहीं शिल्पा शेट्टी कुन्द्रा ने कहा कि भारत के शूरवीर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भागवत राय जी के बारे में हर भारतीय को पढ़ना चाहिए। मनोज कुमार राय ने अपनी इस किताब में भागवत राय की चुनौतियों, संघर्षों और उपलब्धियों का विस्तार से वर्णन किया है। उनके जीवन के हर पड़ाव को और उनकी जिंदगी की हर छोटी बड़ी बात को लेखक ने बखूबी पेश किया है।"
भाजपा के कद्दावर नेता तथा पूर्व रेलराज्य मंत्री मनोज सिन्हा जो अब जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं, इन्होंने भी लेखक मनोज कुमार राय को पत्र भेजकर लिखा है कि आपने मुझे अपनी किताब पहलवान साहेब भेजी है शुक्रिया। भागवत राय की 121 वीं जयंती पर यह किताब दरअसल उस महान शख्सियत को असली ट्रिब्यूट है।"
आपको बता दें कि इस पुस्तक पर बेस्ड पहलवान भागवत राय पर ऋचा मोशन पिक्चर्स के बैनर तले एक फ़ीचर फ़िल्म भी बनाई जाएगी जिसकी निर्मात्री संगीता राय हैं। लेखक मनोज कुमार राय का कहना हैं कि अदम्य साहस के प्रतीक, युवा क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत और महान स्वतंत्रता सेनानी भागवत राय जी का जन्म बलिया, उत्तरप्रदेश में हुआ था। भागवत राय जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। इस पुस्तक में उनकी इन्हीं विलक्षण प्रतिभा से पाठक को अवगत कराया गया है। उनकी 121वीं जयंती पर अपनी श्रद्धांजलि के रूप में दुनिया के सामने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को नये रूप और नये कलेवर में समाज के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ।"
यह किताब हर देशवासी को पढ़नी चाहिए और अपने देश की ऐसी महान विभूति के जीवन, संघर्ष और त्याग के बारे में जानना चाहिए। कुश्ती कला के जादगूर पहलवान भागवत राय को ढेर सारे पुरुस्कारों और सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। भागवत राय (1899-1944) ब्रिटिश साम्राज्य के पहले भारतीय पहलवान थे जो अपने सीने पर हाथी चढ़वाते थे। वो महान स्वंत्रता सेनानी मंगल पांडेय से बेहद प्रेरित थे। भागवत को अपने देश की मिटटी से गहरा लगाव था, जिसकी वजह थी कि महान स्वंत्रता सेनानी मंगल पांडेय भी इसी मिटटी के सपूत थे। यह पुस्तक वास्तव में जानकारी और प्रेरणा का स्रोत है जिसके लिए लेखक मनोज कुमार राय बधाई के पात्र हैं।
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