लोकप्रिय चाइल्ड आर्टिस्ट लाडो बाणी पटेल ने किया गुरुकुल के नए सत्र का उद्घाटन-CINE GLOBAL

पटना- बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य "महन्त विजयशंकर गिरि गुरुकुल" के नए सत्र(2021-2022)का उद्घाटन बिहार की फेमस चाइल्ड आर्टिस्ट और मिनी मॉडल लाडो बाणी पटेल द्वारा किया गया। उद्घाटन भाषण के दौरान बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य एवं गुरुकुल के संरक्षक महन्त विजय शंकर गिरि ने कहा कि - "गुरुकुल शिक्षा से हो भारत माँ का पुनरुत्थान विश्व गुरु के पद पर बैठी, माता पाए गौरव स्थान।" मनुष्य वैसा ही होता है, जैसी शिक्षा उसे मिलती है और जैसी शिक्षा मिलती है वैसी ही वहां के लोगों की मानसिकता और समाज होता है | आज हमारा राष्ट्र यदि समस्याओं से ग्रस्त है तो इसका अर्थ यह है कि समाज और राष्ट्र विकास के लिए एक आदर्श शिक्षण व्यवस्था नहीं है | आज की शिक्षण पद्धति भौतिकतावाद को चरम पर ले जानेवाली, व्यक्तिगतता को महत्व देनेवाली तथा स्वार्थ को जन्म देनेवाली है। प्रत्येक राष्ट्र का एक उद्देश होता है और उस उद्देश को प्राप्त कर राष्ट्र को चरम स्तर पर ले जाना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है | हर व्यक्ति का उद्देश उस देश की शिक्षा पद्धति तय करती है । इसका अर्थ यह हुआ कि राष्ट्र को उसके उद्देश तक पहुंचाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। 


आज हमारे देश को स्वतंत्र हुए ७० वर्ष से अधिक हो गए, फिर भी हमारी शिक्षा पद्धति में स्वातंत्र्य नहीं । शिक्षण पद्धति में शासन का तथा ऐसे लोगों का हस्तक्षेप है जिनका शिक्षण से कोई लेना-देना नहीं, जो छात्रों के संपर्क में नहीं। न शिक्षक आनंद में, न विद्यार्थी । जिसका परिवार आर्थिक रूप से सक्षम उसको उतनी सुविधा और अत्यधिक विषय सीखने का अवसर । जैसी जिसकी आर्थिक क्षमता वैसा विद्यालयों में प्रवेश । जिसकी जितनी ज्यादा डिग्री उतना बड़ा नौकर बनने की चाह । ८०% लोग ऐसे होंगे जिनके पास डिग्री होते हुए भी बेरोजगार है और जिनके पास नहीं है वह स्वयं रोजगार कर औरों को भी रोजगार देकर आगे बढ़ रहे हैं । आज शिक्षण पद्धति से कोई संतुष्ट नहीं | क्या ऐसी कोई व्यवस्था बन सकती है या कोई मार्ग है जिससे इन चुनौतियों का विनाश किया जा सकें ? जहाँ चुनौतियाँ होंगी वहां सामूहिक प्रतिसाद देना होगा। इन चुनौतियों का सर्वनाश हमारी भारतीय शिक्षण पद्धति (गुरुकुल) ही कर सकती है । प्राचीन काल से ही हमारी परंपरा को जिवंत रखने का कार्य गुरुकुलों ने ही किया । राम और कृष्ण भारत के आदर्श हैं । उनका निर्माण भी गुरुकुलों में ही हुआ। उद्घाटन सत्र के इस मौके पर  समाजसेवी रागिनी पटेल, गुरुकुल के परामर्श समिति के सदस्य कुमार सुन्दरम, डॉ एस. के.पाण्डेय, अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार देव, शिक्षक आलोक रंजन, अमित कुमार सिंह, अजय कुमार तिवारी, इन्द्रजीत पटेल सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।


 

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