छत्रपति संभाजी महाराज पर आपत्तीजनक किताब पर हंगामा, निर्देशक अजित शिरोले ने किया माफी की मांग-CINE GLOBAL

निर्देशक -अजित शिरोले

मराठी दैनिक के संपादक व लेखक गिरीश कुबेर के महाराष्ट्र की इतिहास पर लिखी ‘रेनिसान्स स्टेट: द अनरिटन स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र’, किताब पर काफी बवाल हो रहा है।  इस किताब में छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे और मराठा स्वराज्य के दुसरे छत्रपति संभाजी राजे के बारे आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।  इस किताब पर ‘शिवपुत्र संभाजी’ फिल्म के निर्देशक अजित शिरोले ने चिंता जताई है। अजित शिरोले मराठी के नामचिन निर्देशक हैं और वे शिवपुत्र संभाजी जैसी बिग बजेट फिल्म से बॉलिवुड में एन्ट्री कर रहें है। 


अजित शिरोले को इस किताब के बारे में जानकारी मिली।  इस किताब में छत्रपती संभाजी महाराज के बारे में गलत और आपत्तीजनक बाते लिखी गई है।  निर्देशक ने कहा, “इस पुस्तक में छत्रपति संभाजी राजे के बारे में अनुचित और त्रुटिपूर्ण जानकारी है।  आज-कल लोग प्रसिद्धि और लोकप्रियता से इतने अंधे हो जाते हैं कि वे शीर्ष पर पहुंचने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।  वे हमारे इतिहास और इतिहास के महत्वपूर्ण लोगों के बारे में झूठी कहानी फैलाने से भी गुरेज नहीं करते। ”

 

इस घटना के बारे में अपनी बात आगे बढ़ाते हुए निर्देशक अजित शिरोले कहते हैं, "छत्रपति संभाजी राजे हमेशा मेरे लिए और हर किसी के लिए एक प्रेरणा रहे हैं। वह जीवन के हर पहलू में अत्यंत कुशल, चरित्रवान, प्रतिभाशाली और चतुर थे। 14 वर्ष की उम्र में ही छत्रपति संभाजी राजे ने बुधभूषण नामक ग्रंथ लिखा जिसमे उन्होंने राजा का चालचलन और राज्य चलाने हेतु आवश्यक गुणों का उल्लेख किया है। उनकी गुरिल्ला वॉरफेयर की रणनीति अपराजित थी। वह अपराजित मराठा योद्धा थे जिन्होंने स्वराज्य के लिए मुगलों, अंग्रेजों और पुर्तगालियों के विरुद्ध बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। छत्रपति संभाजी राजे के जीवन के बारे में इस तरह की और महत्वपूर्ण जानकारी को उजागर करने के लिए हमने 'शिवपुत्र संभाजी' बनाने का फैसला किया। पिछले कईं सालों से मैं और प्रताप गंगावणे एक साथ काम कर रहे हैं और संभाजी महाराज के जीवन के बारे में शोध कर रहे हैं।"  और यहां इस महान राजा के खिलाफ लेख खेदजनक है, इसिलिए मैं लेखक को एक सार्वजनिक चुनौती दे रहा हूं, कि अगर उन्हें अभी भी अपने लेखन पर भरोसा है तो वे उन्होंने जो कुछ भी लिखा है वो सच है to इस सबूत के साथ मुझे वढू बुद्रुक में मिले या फिर माफी के लिए तैयार हो जाइए। वढू बुद्रुक वहीं स्थान है जहां छत्रपति संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया गया था।


एक कर्तव्यवान, चरित्रशील और अपराजित राजा के बारे में इस निराधार कथन से अजित शिरोले बार-बार गुस्सा व्यक्त कर रहें हैं और इस विषय को जल्द सुलझाने का प्रयास करेंगे। 


 

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